Ayurvedic Medicine for Amenorrhea | How to cure?

Ayurvedic Medicine for Amenorrhea

Ayurvedic Medicine for Amenorrhea के बारे में जानने से पहले हम Amenorrhea क्या है और Amenorrhea क्यों होता है उसके बारे में जानेंगे.

What is Amenorrhea:

अमेनोरिया एक चिकित्सा स्थिति है जिसमें एक महिला के मासिक धर्म का अभाव होता है। यह किसी महिला के मासिक धर्म चक्र में होने वाली अनियमितता है जो कई कारणों से हो सकती है। इसे सामान्य रूप से दो श्रेणियों में बाँटा जाता है: प्राथमिक अमेनोरिया और द्वितीयक अमेनोरिया। इस लेख में, हम अमेनोरिया के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

Amenorrhea (अमेनोरिया) के प्रकार:

  1. प्राथमिक अमेनोरिया:
    • यह स्थिति तब होती है जब एक महिला को 16 साल की उम्र तक मासिक धर्म शुरू नहीं होता है।
    • यह हार्मोनल असंतुलन, जीनिटिक समस्याओं या शारीरिक असामान्यताओं के कारण हो सकता है।
  2. द्वितीयक अमेनोरिया:
    • यह स्थिति तब होती है जब एक महिला जो पहले नियमित मासिक धर्म प्राप्त कर रही थी, कम से कम तीन महीने तक मासिक धर्म प्राप्त नहीं करती।
    • इसका कारण गर्भावस्था, हार्मोनल असंतुलन, तनाव, वजन में अत्यधिक वृद्धि या कमी, और अन्य चिकित्सीय स्थितियां हो सकती हैं।
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Amenorrhea (अमेनोरिया) के कारण:

Amenorrhea (अमेनोरिया) के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  1. हार्मोनल असंतुलन:
    • थायरॉयड विकार, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस), और हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया जैसी स्थितियाँ हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती हैं।
  2. शारीरिक कारक:
    • गर्भाशय या अंडाशय में संरचनात्मक असामान्यताएं, जैसे अंडाशय के विकास में दोष या गर्भाशय के गठन में समस्याएँ।
  3. वजन और पोषण:
    • अत्यधिक वजन घटाना या बढ़ाना, कुपोषण, और खाने के विकार जैसे एनोरेक्सिया और बुलिमिया अमेनोरिया का कारण बन सकते हैं।
  4. तनाव और जीवनशैली:
    • अत्यधिक शारीरिक या मानसिक तनाव, अत्यधिक व्यायाम, और अनियमित जीवनशैली मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकते हैं।
  5. गर्भावस्था और स्तनपान:
    • गर्भावस्था के दौरान मासिक धर्म का बंद होना सामान्य है, और स्तनपान के दौरान भी मासिक धर्म में अस्थायी रूप से रोक हो सकती है।

Amenorrhea (अमेनोरिया) के लक्षण:

अमेनोरिया का मुख्य लक्षण मासिक धर्म का अभाव है, लेकिन इसके साथ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे:

वजन में परिवर्तन
बालों का अत्यधिक गिरना
चेहरे पर बालों का अधिक होना (हिर्सुटिज़्म)
त्वचा का रूखा होना
मुँहासे
थकान और कमजोरी
स्तन के आकार में परिवर्तन या स्तनों का दर्द

How to Diagnosis Amenorrhea (अमेनोरिया)

अमेनोरिया के निदान के लिए डॉक्टर विभिन्न तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:

  1. मेडिकल इतिहास और शारीरिक परीक्षा:
    • डॉक्टर आपके मेडिकल इतिहास और जीवनशैली के बारे में जानकारी एकत्र करेंगे और शारीरिक परीक्षा करेंगे।
  2. लैब टेस्ट:
    • रक्त परीक्षण से हार्मोनल स्तरों की जांच की जा सकती है, जैसे थायरॉयड हार्मोन, प्रोलैक्टिन, एस्ट्रोजन और अन्य हार्मोन।
  3. इमेजिंग टेस्ट:
    • अल्ट्रासाउंड, एमआरआई, और सीटी स्कैन जैसे इमेजिंग टेस्ट से गर्भाशय और अंडाशय की संरचनात्मक जांच की जा सकती है।
  4. अन्य टेस्ट:
    • कभी-कभी एंडोमेट्रियल बायोप्सी और हाइस्टेरोस्कोपी जैसे टेस्ट भी आवश्यक हो सकते हैं।
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Ayurvedic Medicine for Amenorrhea

आयुर्वेद एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली है जो शारीरिक, मानसिक और आत्मिक संतुलन को बनाए रखने पर जोर देती है। अमेनोरिया के इलाज के लिए आयुर्वेद में कई प्राकृतिक उपचार और जड़ी-बूटियां उपयोग की जाती हैं। यहां कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक उपचार और जड़ी-बूटियां दी गई हैं जो अमेनोरिया के इलाज में सहायक हो सकती हैं:

  1. अशोक चूर्ण
    • अशोक की छाल का चूर्ण अमेनोरिया के इलाज में बहुत प्रभावी माना जाता है। यह मासिक धर्म को नियमित करने में मदद करता है और गर्भाशय के स्वास्थ्य को सुधारता है।
    • उपयोग: 1-2 चम्मच अशोक चूर्ण को गर्म पानी या दूध के साथ दिन में दो बार लें।
  2. शतावरी
    • शतावरी (Asparagus racemosus) एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो हार्मोनल असंतुलन को सुधारने में मदद करती है। यह महिला प्रजनन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद होती है।
    • उपयोग: 1-2 चम्मच शतावरी चूर्ण को दूध के साथ मिलाकर दिन में दो बार लें।
  3. लोधरा
    • लोधरा (Symplocos racemosa) गर्भाशय के स्वास्थ्य को सुधारने और मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में मदद करती है। यह गर्भाशय की समस्याओं को ठीक करने में सहायक होती है।
    • उपयोग: 1-2 चम्मच लोधरा चूर्ण को पानी या दूध के साथ दिन में दो बार लें।
  4. गुड़ और तिल के बीज
    • गुड़ और तिल के बीज का मिश्रण मासिक धर्म को नियमित करने में सहायक होता है। यह रक्त संचार को सुधारता है और मासिक धर्म चक्र को सामान्य करता है।
    • उपयोग:1 चम्मच तिल के बीज और 1 चम्मच गुड़ को मिलाकर प्रतिदिन सेवन करें।
  5. हिंग (असाफेटिडा)
    • हिंग का उपयोग पेट की समस्याओं और मासिक धर्म की अनियमितताओं को दूर करने के लिए किया जाता है। यह गर्भाशय के स्वास्थ्य को सुधारता है और मासिक धर्म को नियमित करता है।
    • उपयोग: एक चुटकी हिंग को गर्म पानी के साथ दिन में एक बार लें।
  6. त्रिफला चूर्ण
    • त्रिफला चूर्ण एक प्राचीन आयुर्वेदिक फॉर्मूला है जो शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है और पाचन को सुधारता है। यह मासिक धर्म चक्र को सामान्य करने में मदद करता है।
    • उपयोग: 1-2 चम्मच त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ सोते समय लें।

जीवनशैली में बदलाव

आयुर्वेद में यह माना जाता है कि स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार भी अमेनोरिया के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  1. संतुलित आहार
    • आयरन और कैल्शियम युक्त आहार का सेवन करें।
    • ताजे फल, सब्जियां, अनाज, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ खाएं।
    • फास्ट फूड, तले-भुने खाद्य पदार्थ और अत्यधिक मीठे खाद्य पदार्थों से बचें।
  2. नियमित व्यायाम
    • योग और ध्यान के माध्यम से शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखें।
    • अत्यधिक व्यायाम से बचें और एक संतुलित व्यायाम कार्यक्रम अपनाएं।
  3. तनाव प्रबंधन
    • ध्यान और प्राणायाम जैसी तकनीकों का उपयोग करके तनाव को कम करें।
    • पर्याप्त नींद लें और नियमित दिनचर्या बनाए रखें।

संभावित जटिलताएं

अमेनोरिया को अनदेखा करने से कई जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे:

बांझपन
ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी)
हृदय रोग
अन्य हार्मोनल विकार

Conclusion:

अमेनोरिया एक गंभीर चिकित्सा स्थिति हो सकती है जो महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। इसका समय पर निदान और उचित उपचार आवश्यक है। यदि आपको या आपके किसी परिचित को मासिक धर्म में अनियमितता या अभाव का सामना करना पड़ रहा है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। जागरूकता और सही जानकारी से इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है और महिलाओं का स्वास्थ्य सुधारा जा सकता है।

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