Ayurvedic Medicine for Toothache: दोस्तों, दांत का दर्द एक आम दर्द है | यह दर्द हमको सामान्यतः दांतों में कीड़ा लगने से, दांतों की सफाई न करने से होती है | कभी-कभी स्नायु कमजोर भी दातों के दर्द के लिए करण भूत है | आज के अपने इस आर्टिकल Ayurvedic Medicine for Toothache में हम दांत के दर्द को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक मेडिसिन या दवाई के बारे में जानेंगे | लेकिन दवाई जानने से पहले, हम इसके कारण और लक्षण भी जान लेते हैं |
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Toothache के लक्षण:
Ayurvedic Medicine for Toothache: मसूड़े में सूजन होने से दांत का दर्द होता है | कभी-कभी सुजान ना होने से भी दांत की पीड़ा होती है | यह इसलिए होता है क्योंकि हमारे स्नायु कमजोर होते हैं | किसी प्रकार की चोट लगने से भी दांत में दर्द होता है | दुर्घटना घटित होने पर दांत शुल्क होता है | दातों की सफाई ठीक से नहीं करने से दांतों में कीड़ा लग जाता है, जिससे दांत में दर्द होता है |
Toothache के कारण:
Ayurvedic Medicine for Toothache: दांतों की सफाई की ओर ध्यान न देने वाले व्यक्ति के दांतों में अनाज के कण फस जाते हैं, जिससे संक्रमण हो जाने से दांत में दर्द होता है | और यह दर्द असहनीय होता है | मसूड़े का अस्वस्थ होना, गल जाना, पीठ फट जाना आदि भी दांत के दर्द के कारण है | गर्म पदार्थ के बाद ठंडा और ठंडा के बाद गर्म पदार्थ तुरंत प्रयोग करना भी दांत के दर्द का एक कारण है |
Ayurvedic Medicine for Toothache (दांत दर्द के लिए आयुर्वेदिक दवा) :
Ayurvedic Medicine for Toothache: असहनीय दर्द होने के कारण रोगी परेशान रहता है | इससे लाभ हो या ना हो परंतु रोजी अपना हाथ लगाकर पीड़ित जबड़े पर रखता है | रोगी अपने जबड़ा हिलाने में असमर्थ हो जाता है | इसलिए खाना खाने में असमर्थ होने से भूखा रहने पर भी कुछ खा पी नहीं सकता | दांत के दर्द के कारण रोगी रात्रि को न स्वयं सो पता है और नहीं आसपास सोने वाले लोगों को सोने देता है |
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Major Ayurvedic Patent Medicines (प्रमुख आयुर्वेदिक पेटेंट औषधियां) :
यदि दांत का दर्द संक्रमण के कारण है तो दर्द के साथ-साथ संक्रमण मसूड़े को भी क्षतिग्रस्त कर देता है | दांत में दर्द सदैव एक समान नहीं रहता, दर्द कभी बढ़ जाता है तो कभी कम हो जाता है परंतु कम या अधिक दर्द होने का समय निश्चित नहीं होता है | यदि दर्द किसी को ठंडा पानी से और किसी को गर्म पानी से होता है तो इसका विपरीत पानी दर्द को काम करता है जैसे ठंडे पानी से किसी को दांत में दर्द हो तो गर्म या गुनगुना पानी पीने से दांत का दर्द कम होता है |
- गैम्टोन पाउडर: मसूड़े पर उंगलियां ब्रश द्वारा मंजन करने का निर्देश दें |
- दांत शोधक: दिन में दो बार सुबह और शाम धातु तथा मसूड़े पर वाले और पानी से मुंह साफ रखें |
- जी 32 टेबलेट (निर्माता अलसीन): एक दो गोली पीसकर मंजन के रूप में दांत व मसूड़े पर 5 मिनट तक मंजन करें और साफ जल से कुल्ला करें | यही क्रिया दिन में दो-तीन बार नियमित रूप से करें |
- लाल दंत मंजन: प्रतिदिन दो बार अच्छी प्रकार मंजन करके गर्म पानी से कुल्ला करें |
Ayurvedic medicines in scriptures (शास्त्रों आयुर्वेदिक औषधियां):
- दांत प्रथा चरण (निर्माता बैद्यनाथ): इसे मंजन की तरफ प्रतिदिन दो-तीन बार करें | दर्द ठीक हो जाएगा |
- कपूरी वटी: एक-एक गोली प्रतिदिन तीन चार बार चूस | दर्द मुंह की दुर्गंध आदेश में लाभ होगा |
- खादिराड़ी तेल: इस तेल को हुई में लगाकर प्रतिदिन दो-तीन बार दातों में एवं मसूड़े में मिले |
Home tried and tested (घरेलू अनुभूत प्रयोग):
- काय फल को सिरके में पीसकर दांतों और मसूड़े पर मिलने से दांतों का दर्द शांत हो जाता है और दांत मजबूत होते हैं
- नौसादर और जवाहर के दाने को समान मात्रा में लेकर पीसकर किस हुई में रखकर दांत के छेद में दबा देने से दांत का दर्द तुरंत मिट जाता है|
- अकरकरा को दांत के नीचे दबने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है | इसका क्वाथ मुंह में रखने से हिलते दांत मजबूत हो जाते हैं |
- खजूर पेड़ की जड़ के ख्वाब के खुले करने से दांतों के दर्द में लाभ होता है |
- फिटकरी का मंजन करने से सड़े हुए दांतों की पीड़ा ठीक हो जाती है |
- बरगद के दूध में हुई तार करके दाढ़ में रखने से दाढ़ का दर्द मिट जाता है |
- बाबुल की फलिया का छिलका और बादाम के छिलके की राख में नमक मिलाकर मंजर करने से दांत का दर्द दूर हो जाता है|
- अमरूद के पत्तों को चबाने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है|
- चमेली के पत्तों को पीसकर पानी में उठकर करने से दाढ़ के दर्द में लाभ होता है |
- सहजन की गोंद मुंह में रखने से दाढ़ का दर्द ठीक हो जाता है |
- काली मिर्च और तुलसी के पत्तों को पीसकर गोली बनाकर जाते हुए के बीच रखने से दांतों के दर्द में लाभ होता है |
- दांत के गड्ढे में कपूर रखने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है |
- बलिहारी के कंठ को पानी में मिलाकर घिसकर बाई धड़ में दर्द हो तो डेन हाथ के अंगूठे के नाखून पर और दाएं दाढ़ में दर्द हो तो बाएं हाथ के अंगूठे के नाखून पर लेप करने से दाढ़ का दर्द ठीक हो जाता है |
- तंबाकू के पत्तों का चूर्ण मसूड़े पर मरने से मसूड़े का पकना ठीक हो जाता है और दर्द में भी राहत मिलती है |
- चरक संहिता के अनुसार कीड़े खाए हुए दांत की को में आक का दूध और सती वन का चूर्ण मिलाकर भर दे, लार फेंकते जाए, दांत के दर्द में राहत मिलेगी |
Conclusion:
यह सारी दवाइयां और घरेलू नुस्खे, हमने चरक संहिता से लिया है आपसे निवेदन है कि कोई भी दवाई लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले | मिलते हैं किसी और दवाई के साथ तब तक जय हिंद जय भारत |
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